भारत में दवा कंपनियों के बुरे दिन, किसी को घाटा तो किसी का मुनाफा गिरा

भारत में दवा कंपनियों के बुरे दिन, किसी को घाटा तो किसी का मुनाफा गिरा

सेहतराग टीम

लगता है कि भारत में दवा बनाने वाली कंपनियों के बुरे दिन चल रहे हैं। दवा बनाने वाली कंपनी ल्यूपिन को चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 151.75 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

कंपनी ने कहा कि इसका कारण यूरोप में रक्तचाप की दवा पेरिन्डोप्रिल से संबंधित मुकदमे के लिए एक बार में किया गया 342.22 करोड़ रुपये का प्रावधान है। कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 221.73 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान परिचालन से प्राप्त आय 3,900.36 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,377.94 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। ल्यूपिन के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में पूर्वार्द्ध के दौरान मुश्किलों का सामना करने के बाद अब कंपनी वृद्धि कर रही है।

दूसरी ओर दिग्गज दवा निर्माता कंपनी सिप्ला का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 322.24 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के लाभ में ये कमी मुख्य रूप से अधिक कर के भुगतान के कारण हुई है।

सिप्ला ने बुधवार को बीएसई को दी गयी अपनी जानकारी में कहा है कि पिछले साल की इसी अवधि में उसे 403.45 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी ने कहा है कि इस साल अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में उसकी कुल एकीकृत आमदनी 4,007.54 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी अवधि में 3,913.82 करोड़ रही थी। 

आलोच्य तिमाही में कंपनी का कर-व्यय 125.68 करोड़ रुपये रहा जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में इसे 64.23 करोड़ रुपये का कर लाभ मिला था। 

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